अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस वार्षिक रूप से 29 जुलाई को मनाया जाता है।
यह दिवस बाघों के संरक्षण और सुरक्षित रहने के महत्व को उजागर करने का उद्देश्य रखता है।
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है
इस दिवस के माध्यम से लोगों को बाघों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की जागरूकता फैलाई जाती है।
बाघों के वन्यजीवन को संरक्षित करने के लिए उनके नेचुरल हेबिटेट को सुरक्षित करना आवश्यक है।
वन्यजीवन संरक्षकों और वॉलंटियर्स का सहयोग बाघों के संरक्षण में महत्वपूर्ण है।
बाघों के बचाव के लिए जीवविद्या और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझना आवश्यक है।
बाघों को संरक्षित रखने से वन्यजीवन का संतुलन बना रहेगा और इससे वन्यजीवन के अन्य प्राणियों को भी लाभ मिलेगा।