End of The Earth: वैज्ञानिकों ने एक मॉडल बनाया है, जिससे कि कैसे होगा स्तनधारियों के युग का समापन

पिछले 50 करोड़ वर्षों में हमारे प्लेनेट ने कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे हैं, जिनमें से एक सबसे बड़ा परिवर्तन है सृजनात्मक जीवों की अक्षमता का दृश्यावही। पार्मियन-ट्राइऐसिक पृथ्वी की स्थिति के एक महत्वपूर्ण हिस्से को प्रकट करती है, जिसमें पृथ्वी पर मौजूद करीब 90 प्रतिशत प्रजातियां समाप्त हो गई थीं।

End of The Earth
End of The Earth

इस घटना के पीछे एक ‘सुपरकॉन्टिनेंट‘ के गठन के साथ कई माहान प्राकृतिक प्रक्रियाएं होती हैं, जिसमें पृथ्वी की टेक्टॉनिक प्लेटें धीरे-धीरे एक साथ मिलती हैं और एक होती हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के महाद्वीप अगले 25 करोड़ सालों में फिर से एक साथ मिलकर ‘सुपरकॉन्टिनेंट’ बनाएंगे, जिसे ‘पैंजिया अल्टिमा’ के नाम से जाना जाएगा। इसका केंद्रबिंदु विषुवत रेखा के पास होगा और यह एक गर्म महाद्वीप होगा।

ब्रिटेन की लीड्स विश्वविद्यालय और अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक अध्ययन के अनुसार, ‘पैंजिया अल्टिमा’ की परिस्थितियाँ अधिकांश स्तनधारियों के जीवन के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण होंगी।

परिस्थितियों में 17 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान हो सकता है, जिससे स्तनधारियों के लिए बड़ी चुनौतियाँ आ सकती हैं।

क्या स्तनधारियों के लिए मौका है?

स्तनधारियों ने इतिहास में गर्म मौसम का सामना किया है, जैसे कि लगभग पांच करोड़ वर्ष पहले पैलियोसीन-इओसीन थर्मल मैक्सिमम (पीईटीएम) काल में, जब पृथ्वी के सतह का तापमान लगभग पांच डिग्री सेल्सियस बढ़ गया था।

हालांकि, ‘पैंजिया अल्टिमा’ के गठन में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हो सकते हैं। पहला बड़ा अंतर यह है कि ‘पीईटीएम’ की अवधि इसमें बहुत कम थी, और यह प्राकृतिक घटना केवल एक लाख साल तक चली, इसके बाद तापमान में धीरे-धीरे कमी हुई और जीवन की परिस्थितियाँ अधिक सौभाग्यपूर्ण हो गईं।

दूसरा अंतर यह है कि ‘पैंजिया अल्टिमा‘ की परिस्थितियाँ अधिकतर हिस्से में रेगिस्तानी इलाकों के करीब होंगी। इसका मतलब है कि स्तनधारियों को रेगिस्तान को पार करके ठंडे इलाकों तक पहुंचने के लिए महात्मा गांधी की तरह कठिनाइयों का सामना करना होगा। टेक्टॉनिक प्लेटें हमारे प्लेनेट पर जीवन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इसका महत्व आने वाले समय में भी बरकरार रहेगा।

इस प्राकृतिक प्रक्रिया के साथ हमारे प्लेनेट का नया युग आने वाला है, और स्तनधारियों को इसके साथ सामंजस्य बनाने के लिए अपनी प्राकृतिक योग्यताओं का सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है

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